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यहां रात को लड़कियों को घर से बाहर भेजा जाता है निर्वस्त्र, वजह जानेंगे तो आप हो जाएंगे हैरान

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लड़कियों को भेजा जाता है निर्वस्त्र:  देश भले ही आज चांद पर पहुंच गया हो, लेकिन लोगों के बीच से दकियानूसी ख्यालातों का खात्मा नहीं हो रहा है। जी हां, देश के कोने कोने न जाने कितने अंधविश्वास फैले हैं, जिसकी वजह लोग न जाने क्या क्या करते फिरते हैं? आज हम आपको ऐसे ही एक अंधविश्वास से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिसकी वजह से मां बाप खुद ही अपनी बेटियों को बिना कपड़ें के घर से बाहर जाने को कहते हैं, इसके पीछे की वजह क्या है, जानने के लिए आपको हमारे इस रिपोर्ट को आखिरी तक पढ़ना पड़ेगा। दरअसल, बिहार के एक गाँव मे जहां अगर बारिश नहीं होती यानि अगर सूखा पड़ जाए तो उसके लिए लोग अजीबोगरीब तरीके अपनाते दिखाई देते हैं। भारत दुनिया भर में खेती के लिए मशहूर है, लेकिन यहां की खेती पूरी तरह से कुदरत पर निर्भर होती है, ऐसे में अगर बारिश ज्यादा या कम आए तो खेती पर बुरा असर होता है, ऐसे में फसल के साथ साथ किसानों को दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज होना पड़ता है। सूखे से निपटने के लिए लोग न जाने कितने तरीके अपनाते हैं, इसके बावजूद अगर इससे छुटकारा नहीं मिलता है, तो किसी न किसी अंधविश्वास के शिकार भी

दिवाली पर पटाखें फोड़ना पड़ेगा महंगा, भारी जुर्माना और जेल दोनों हो सकती हैं

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दिवाली देश का सबसे बड़ा त्यौहार होता हैं. मुख्य रूप से इस पर्व में माँ लक्ष्मी की पूजा, घर ई सजावट और मीठे पकवानों एवं आपसी मेलजोल का महत्व होता हैं. हालाँकि कुछ लोगो के लिए ये पटाखे और राकेट इत्यादि छोड़ने का अवसर भी होता हैं. गौरतलब हैं कि हर साल दिवाली पर पटाखे जलाने की वजह से वायु प्रदुषण अपनी चरम सीमा पर पहुँच जाता हैं. इस प्रदुषण का हमारे स्वस्थ पर भी नकारात्मक असर पड़ता हैं. खासकर दिल्ली की बात करी जाए तो वहां हालत बहुत खराब होती हैं. इस चीज को मद्देनज़र रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साल 2016 में दिल्ली एनसीआर में पकाहों पर बैन लगा दिया था. हालाँकि बाद में उसे हटा दिया था. लेकिन इस साल सुप्रीम कोर्ट इस बैन को पुनः स्थापित कर रही हैं. इन नए नियमों के अनुसार आप पटाखे, राकेट या इस टाइप के शोर एवं प्रदुषण करने वाली चीजें नहीं जला पाओगे. हालाँकि सरकार ने इस बात का भी ख्याल रखा हैं कि आपकी दिवाली फीकी ना हो. इसलिए वे ‘अनार’ और ‘फुलझड़ी’ का ग्रेन वर्जन लेकर आई हैं. इस नए टाइप की ग्रीन अनार फुलझड़ी से 30 प्रतिसत कम प्रदुषण फैलता हैं. इसलिए आपको दिवाली पर सिर्फ ये ग्रीन वर्जन की फुलझड़ी और